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एसईसीएल की तानाशाही रवैया बर्दाश्त नहीं भूपेश शर्मा

 एसईसीएल की तानाशाही रवैया बर्दाश्त नहीं भूपेश शर्मा

प्राप्त जानकारी अनुसार किसान नेता भूपेश शर्मा द्वारा बताया गया कि सोहागपुर एरिया अंतर्गत रामपुर बटुरा खुली खदान परियोजना प्रभावित किसानों के आश्रितों के साथ,, लूट सको तो लूट ,,अंतकाल पछताएगा जब प्राण जाएगा छूट,, यह कहावत चरितार्थ होता है लगातार जितने रोजगार अभी दिए जा रहे हैं जिसके पास पहुंच या पैसा है ऐसे आश्रितों को मनचाहा जगह सोहागपुर हो या जहां जाना चाहते हैं वहां के लिए चिट्ठी निकल जाती है जिसके पास पैसा नहीं है या पहुंच नहीं है

 उसके लिए कोल इंडिया में सिर्फ जोहिल एरिया जहां अंडरग्राउंड में भेज दिया जाता है उस रामपुर वालों के लिए सोहागपुर ने मान लिया है काला पानी लेकिन ऐसा नहीं चलेगा रामपुर बटुरा खुली खदान परियोजना के आश्रितों को खुली खदान परियोजना ही भेजना होगा एक तरफ कहा जा रहा है सोहागपुर में मेनपावर पर्याप्त है दूसरे जगह देखते हैं तो लगातार लोगों का आना सोहागपुर एरिया में हो रहा है यह क्या है समझ से परे है श्री शर्मा के शीर्ष अधिकारियों से निवेदन किए हैं की सबको एक समान व्यवहार किया जाए हमारे यहां के खुली खदान परियोजना के बदले आश्रितों को खुली खदान परियोजना ही दिया जाए चाहे सोहागपुर हो जोहिला हो या और कोई अन्य एरिया हो अन्यथा मजबूर होकर के हमको अपना रास्ता निश्चित करना होगा किसानों के पास एक ही हथियार है खदान के सामने जाकर बैठ जाना और कागज और मिलने के माथे तो कुछ होना नहीं अभी दो दिन पहले मुख्यालय जाकर सीएमडी साहब के दिशा निर्देश अनुसार डी टी साहब के साथ रामपुर के प्रतिनिधि मंडल को बुलाया गया और बैठक की गई प्रतिदिन मंडलों के द्वारा सिर्फ और सिर्फ रामपुर के विस्थापितों को मकान का मुआवजा पुनर्वास पुनर्स्थापना आर एंड आर की राशि दो गुणा करके दिया जाए इसके साथ ही हमारे रोजगार में जो भी बच्चे आश्रित के रूप में आए हैं उन्हें संपूर्ण रूप से खुली खदान ही दिया जाए यह विस्थापन में रोजगार क्या दिया गया है बल्कि एक तरह का सजा दिया गया जो बच्चे घर के नजदीक अपने बुजुर्ग माता-पिता दादा दादी के पास लौट कर आए हैं उन्हें अंडरग्राउंड के रूप में सजा दे दिया गया है जो दूर हैं उन्हें रहने का कमरा ही नहीं मिल रहा है भारी बरसात में कहां रहेंगे खुद का ठिकाना नहीं अपने परिवार को कहां रखेंगे और परिवार छोड़कर जा रहे हैं तो लोग एसईसीएल रामपुर खदान से ब्लास्टिंग जिसे डाकनी कहते हैं के प्रभाव में आकर रोज कोई ना कोई मकान में दब रहे हैं हॉस्पिटल्स हो रहे हैं यह प्रमाण अपोलो और अन्य अस्पतालों से लिया जा सकता है क्या अपनी पुस्तक संपत्ति देकर मौत के मुंह में जाने के लिए दिया है कई बार प्रबंधन से और प्रशासन से लिखित रूप से निवेदन किया गया खदान के एकदम नजदीक प्राथमिक पाठशाला अंबेडकर नगर रामपुर है जिसे विस्थापित करना अति आवश्यक है किसी के द्वारा ध्यान नहीं दिया गया क्या उसे दिन का हम इंतजार कर रहे हैं दुर्भाग्यपूर्ण कोई बड़ा घटना घाट जाने का या और कुछ राज की बात है रोजगार की फाइलों को 1 से 2 साल 3 साल तक सोहागपुर बिलासपुर घूमा कर और जवाब दे दिया जाता है इसमें तो रोजगार ही नहीं बनता है श्री शर्मा का कहना है सहज रूप से किसानों की जमीन गई है मुआवजा का भुगतान हुआ है कागजों की छानबीन करें कागज किसानों के यहां नहीं तैयार होता है इससे प्रबंधन और प्रशासन दोनों मिलकर निश्चित करें क्या कागज चाहिए और क्या देना है हमें तो रोजगार से मतलब है हमें रोजगार चाहिए इन सभी विषयों को सोहागपुर एरिया के मुखिया महा प्रबंधक महोदय एवं रामपुर बटुरा खुली खदान परियोजना के उप क्षेत्रीय प्रबंधक और एरिया के कार्मिक प्रबंधक प्रबंधक भू राजस्व सोहागपुर सभी से संबंधित है प्रेस के माध्यम से आपसे निवेदन है इन सभी विषयों को बिंद वार चिन्हित करते हुए अति शीघ्र कार्रवाई करें अन्यथा भरी बरसात में किसानों के द्वारा उग्र आंदोलन किया जाएगा जिसके जिम्मेदारी शासन प्रशासन और प्रबंधन की होगी

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