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रामपुर,, एस ई सी एल के मनमानी रवैया को लेकर बैठक संपन्न भूपेश शर्मा।

 रामपुर,, एस ई सी एल के मनमानी रवैया को लेकर बैठक संपन्न भूपेश शर्मा।  

किसानों की बैठक की फाइल फोटो

       बैठक प्रारंभ हो उसके पहले वरिष्ठ साथी भाजपा नेता सांसद प्रतिनिधि सामाजिक कार्यकर्ता श्री राजकमल मिश्रा जी के माता जी 76 वर्ष की पूर्ण करने उपरांत आकस्मिक निधन हुआ जिसको लेकर समस्त जनप्रतिनिधि एवं वरिष्ठ जनों ने शोक सभा आयोजित कर श्रद्धांजलि अर्पित कियाऔर देशके पुलवामा में आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई 2मिनट का मौन रखकर मृतक आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की गई एवं शोका कुल परिवार के प्रति सभी ने दुख प्रकट किया इसके पश्चात बैठक की कार्रवाई प्रारंभ हुई सर्वप्रथम एसईसीएल से परेशान किसान संपूर्ण खदान बंद करने का लिया निर्णय लिया,

रामपुर प्रभावित किसानों ने आकस्मिक बैठक बुलाकर जनपद सदस्य श्री चंद्र कुमार तिवारी के अध्यक्षता में बैठक संपन्न हुई बैठक के मुद्दे विशेष रूप से रामपुर बटुरा खुली खदान परियोजना प्रभावित किसान लगातार 2009, 10, से संघर्षरत हैं और एसईसीएल कुंभकरण नीद में सो रहा है की जानकारी देते हुए जनपद सदस्य चंद्र कुमार त्रिपाठी जिला पंचायत सदस्य श्रीमती शांति मनमोहन चौधरी गांव के ही वरिष्ठ श्री आनंद त्रिपाठी भूपेश शर्मा , सरपंच श्रीमती प्रीमियम बैग उपसरपंच श्री राजाराम मिश्रा पूर्व जनपद सदस्य नेमसाय राजू सोनी पूर्व सरपंच झोले बैगा पूर्व सरपंच नानसाय बैगा पूर्व सरपंच प्रमोद बैग पूर्व उप सरपंच रमेश साहू सहित अन्य संस्थान संगठन के साथियों के द्वारा समर्थन करने हेतु प्रगतिशील लेखक संघ एवं संयुक्त किसानमोर्चा के अलावा रामपुर खाड़ा बेलिया , के प्रभावित किसानों के समर्थन में अपना वक्तव्य जारी किया है उन्होंने कहा है यह लड़ाई सिर्फ रामपुर कोडयली, बेलिया अतरिया, खैरबना, बिछिया, भटूरा, का ही नहीं है बल्कि यह समझे किसान जगत का है यह हमारी सब की लड़ाई है इस बार जब तक किसानों की मांग पूरी नहीं होगी तब तक खदान बंद रहेगा 

इस पूरे बैठक का संचालन सामाजिक कार्यकर्ता भूपेश शर्मा की विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई सर्वप्रथम पुनर्वास पुनर्स्थापना परसंपत्ति की मुआवजा जो कि लंबे समय से रुका हुआ है इसे पूरा किया जाए इसके पश्चात एसईसीएल के भूल बस अधिग्रहित जमीन जिनका मुआवजा किसानों को भुगतान किया जा चुका है वह जमीन अभी भी नोटिफिकेशन से बाहर है कितनी बड़ी चूक है उसका भी परिणाम किसान भोग रहा है 10 वर्ष पहले अधिग्रहण हुआ था 2016 में मुआवजा भुगतान हुआ इसके बाद से अभी भी किसान रोजगार के लिए वांछित है इसका जिम्मेदार कौन रोजगार के फाइलों को कुंवारी की महामारी बात कर लंबे समय तक कुछ फाइल उदाहरण स्वरूप मिलेंगे जो दो से तीन वर्ष तक पेंडिंग है किसानों का कहना है जमीन हमारी है रोजगार भी हमें चाहिए किसी प्रकार से कोई बहाना नहीं चलेगा इसके साथ ही धोखे से रोजगार आ जाता है तो साक्षात्कार मेडिकल न्यूट्रिशन को लेकर कई माह लग जाते हैं जानबूझकर साजिश के साथ पैसे का खेल खेलने के लिए मेडिकल अनफिट किया जाता है और अपेक्स बोर्ड बैठक लंबी राशि की मांग की जाती है और उन्हें बाजार का धमकी दिया जाता है की बताओगे तो पैसा देने के बाद ही फेल हो जाओगे एक कहावत है पुरानी कहावत जबरा मारे रोवे न दे 

इसके साथ जिन किसानों के अस्तित्व को रोजगार दे दिया गया है उनके साथ लगातार सौतेला व्यवहार किया जा रहा है यहां झूठा स्वसन देकर कागज के घोड़े दौड़ाना नहीं मानते हैं और अपने अधिकार की लड़ाई लड़ने के लिए आंदोलन के समय फोटो खींचकर उन्हें धमकाया जाता है और धमकाया ही नहीं जाता है बल्कि जानबूझकर यहां से लेकर जहां-जहां भी रामपुर के आश्रित रोजगार में हैं सब जगह परेशान किया जा रहा है खुली किताब है कभी भी जानकारी ली जा सकती है हम ऐसा कौन सा अपराध कर दिए हैं अपना पुश्तैनी ज्यादा देकर भी डर-डर के टुकड़े खा रहे हैं इसलिए इस बार रामपुर के किसानों ने कहा है की अंग्रेजों की चाल नहीं चलेगी फूट डालो और राज करो इस बार सर्वदली मंच बनेगा और जब तक एक-एक रोजगार एक-एक मुआवजा पुनर्वास और पुनर्स्थापना की संपूर्ण कार्रवाई नहीं होती है तब तक के लिए संपूर्ण खदान बंद रहेगा इसके अतिरिक्त जो बच्चे हमारे सुहागपुर एरिया में अपने खर्चे से अपने सुरक्षा से गलती से आ गए हैं उन्हें और बहुत बड़ी सजा मिल रही है ग खदान में भेज कर जानबूझकर परेशान किया जा रहा है कुछ ऐसे ही बच्चे हैं जो वास्तविक मेडिकल अनफिट है उन्हें भी नहीं बक्शा जा रहा है खैरहा,दामिनी, राजेंद, के सभी सवेरिया मैनेजर शिफ्ट इंचार्ज और मैनेजर ने निश्चय कर रखा है या की जो हम कह रहे हैं वह करिए घर आने का शौक पा लिया तो कम करो जो हम कहते हैं वह करो नहीं वापस उसे मुंडा जाओ हमारे एकाद दो बच्चों को वापस कुसमुंडा भेज दिया गया जो घर अत्याचार के श्रेणी में आता है मानवता को शर्मसार कर देने की बात हो रही है अपना जमीन अपना घर बार देकर अपने परिवार को छोड़कर आज हमको यह दिन देखने को मिल रहा है क्या इसके लिए हम नौकरी करने आए हैं तो खुली किट में किसानों ने दिया खदान बंद करिए और वापस जाइए हमें नौकरी नहीं करना है हमारे यहां के बच्चियों को रोजगार मिला है उन्हें शिफ्ट में ड्यूटी दी जाती है रामपुर में रोड पर नहीं है इसलिए रोडवेज पर आ नहीं सकते हैं और सभी के पास साधन नहीं है सच कहें तो दो-तीन बच्चे इस नौकरी में कुर्बान हो गए कुसमुंडा से रामपुर आने जाने समय एक्सीडेंट से मृत्यु हो गई आखिरकार इसकी जिम्मेदार कौन एसईसीएल के बने क्वार्टर में जय जिम्मेदार लोग हैं वह अपने रिश्तेदारों को परिवार को दोस्तों को देखकर व्यवहार निभा रहे हैं और जो वास्तविक पत्र हिट गई है वह दर भटक रहे हैं सुहागपुर एरिया में कितने आवेदन कब से लगे हैं इसकी तहकीकात की जाए तो देखकर बहुत शौक रह जाएंगे वर्षों से कमरे के लिए आवेदन लगा है कोई सुनने के लिए तैयार नहीं है क्या हमको यही दिन देखना था सभी जनप्रतिनिधियों एवं किसान नेताओं ने संयुक्त रूप से चेतावनी दी है एक सप्ताह के अंदर समस्या का समाधान नहीं होता है तो शांति में तरीके से संपूर्ण खदान को बंद कर बैठ जाएंगे जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होगी तब तक खदान बंद रहेगा जिसकी जिम्मेदारी शासन एवं प्रशासन और एसईसीएल प्रबंधन की होगी बैठक में उपसरपंच राजाराम मिश्रा, आदित्य त्रिपाठी, भूपेश शर्मा,राजू सोनी,नेमसाय ,मूलचंद गुप्ता, झोले बैगा पूर्व सरपंच, रमाकांत मिश्रा, संदीप रजक,रामाधार गुप्ता, गुड्डू, दीपक, एवं अन्य ग्रामीण उपस्थित रहे

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