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बच्चों के हाक का निवाला छीन रहा है बिरासनी स्व सहायता समूह कब तक खाते रहेंगे बच्चों के निवाला समूह संचालक

बच्चों के हाक का निवाला छीन रहा है बिरासनी स्व सहायता समूह कब तक खाते रहेंगे बच्चों के निवाला समूह संचालक



खबर है मध्य प्रदेश के शहडोल जिले से जहां जिले के शासकीय स्कूलों में संचालित मध्यान भोजन कार्यक्रम स्व सहायता समूह के लिए एक कमाई का जरिया बन चुका है जिसमें ऐसा ही एक मामला जिले की अंतिम छोर विकास खंड शिक्षा केंद्र बुढार के अंतर्गत ग्राम झींक बिजुरी शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय का है जहां छात्रों को घटिया स्तर का भोजन परोसा जा रहा है वही बिरासनी स्व सहायता समूह का जिम्मेदारी झींक बिजुरी गांव के ही स्थानि व्यक्ति रोहिणी महरा को दी गई है और उस जिम्मेदार व्यक्ति ने समूह की आड़ में अपनी बिजनेस बना चुका है जबकि शासन के आदेश के अनुसार बच्चों को मेनू के आधार पर खाना देना चाहिए लेकिन समूह के द्वारा बच्चों को घटिया खाना खिलाया जाता है जैसे की बच्चों की संख्या के हिसाब से जहां पर 1 किलो दाल होनी चाहिए वहां एक पाव दाल बनाया जाता है जहां 5 किलो चावल होनी चाहिए वहां ढाई किलो चावल बनाया जाता है जैसे मेनू के आधार पर सब्जी हरी होनी चाहिए या फिर हर रोज अलग-अलग सब्जियों का जिक्र मेनू में किया गया है मेनू के हिसाब से कुछ भी नहीं दिया जा रहा है दाल इतना पतली बनाया जाता है पानी में कहीं-कहीं दाल के छीटे देखने को मिलता हैं वही सब्जी कि बात करें नातो उसमें मसाला है ना ही हल्दी तेल बस ऐसे उबाल के बच्चों को खिलाया जा रहा है आखिर इन समूह संचालकों के द्वारा बच्चों का निवाला कब तक खाते रहेंगे या फिर इन समूह वालों को शासन का डर है ही नहीं जिस हिसाब से विभाग उनका राशन का पैसा उपलब्ध कराया जाता है उसके हिसाब से तो 10% भी नहीं खिलाया जाता बच्चों को खाना आखिर ऐसे समूह संचालकों के ऊपर कब होगी कार्रवाई मिली जानकारी के अनुसार इससे पहले भी एसडीम जैतपुर के द्वारा ईस समूह के ऊपर कारवाई नोटिस जारी की जा चुकी है इसके बाद भी इस समूह संचालक ने कोई सुधार नहीं ला रहे हैं आखिर कब तक चलता रहेगा उनकी लापरवाही देखने वाली बात यह है की खबर प्रकाशित होने के बाद इन समूह संचालकों पर क्या कार्रवाई की जाती है

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