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खोहरा में राशन घोटाला! महीनों से नहीं मिला गरीबों को अनाज — सेल्समैन पर गंभीर आरोप, ग्रामीणों का फूटा गुस्सा, प्रशासन

 खोहरा में राशन घोटाला! महीनों से नहीं मिला गरीबों को अनाज — सेल्समैन पर गंभीर आरोप, ग्रामीणों का फूटा गुस्सा, प्रशासन मौन


शहडोल जिले की जनपद पंचायत बुढ़ार के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत खोहरा में इन दिनों भारी आक्रोश व्याप्त है। गरीब ग्रामीणों को महीनों से शासकीय राशन नहीं मिल पा रहा है। राशन वितरण में हो रही अनियमितताओं के खिलाफ सैकड़ों ग्रामीणों ने एकजुट होकर प्रदर्शन किया और “सेल्समैन संतोष त्रिपाठी मुर्दाबाद” के नारे लगाए।

ग्रामीणों का आरोप है कि विक्रेता संतोष त्रिपाठी द्वारा खुलेआम सरकारी नियमों की धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं। कुछ लोगों का फिंगर लगवाने के बाद भी राशन नहीं दिया गया, जबकि कई पात्र हितग्राहियों से फिंगर तक नहीं लगवाया गया। इतना ही नहीं, कई महीनों से शासकीय उचित मूल्य की दुकान भी नहीं खोली जा रही है, जिससे ग्रामीणों में असंतोष बढ़ता जा रहा है।

 फिंगर लगवाने के बाद भी राशन नहीं मिला” — ग्रामीणों का आरोप* 


ग्राम खोहरा के निवासी रामचंद्र मरकाम ने बताया कि यह दुकान आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित जैतपुर के अधीन संचालित होती है। उन्होंने कहा,

“सेल्समैन संतोष त्रिपाठी 

हमसे फिंगर लगवा लेता है, लेकिन राशन नहीं देता। कई बार पूछने पर कहता है कि राशन खत्म हो गया। जबकि दुकान खोहरा में है, पर यहां राशन उतरवाया ही नहीं जाता। जीजा और शाला मिलकर सारा राशन बेच देते हैं।”

मरकाम ने आगे कहा कि जब यह दुकान दूसरे भवन में किराए से संचालित की जा रही है, तो सवाल उठता है कि किराए का भुगतान कहां से होता है? उन्होंने आरोप लगाया कि इस खेल में कई जिम्मेदार लोग भी मौन समर्थन दे रहे हैं।

उन्होंने शासन-प्रशासन से मांग की है कि विक्रेता संतोष त्रिपाठी को तत्काल हटाकर मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए, ताकि ग्रामीणों को न्याय मिल सके।

 महिलाएं भी बोलीं – “महीनों से नहीं मिला अनाज

ग्राम की महिला निवासी पार्वती बाई ने बताया कि पिछले दो महीने से उन्हें राशन नहीं मिला है। जब भी वह दुकान जाती हैं, तो सेल्समैन यही कहता है कि “अभी राशन नहीं आया है।”

इसी तरह सावित्री सिंह ने बताया कि पांच महीने से राशन नहीं मिला, जबकि उनका फिंगर कई बार लगवाया जा चुका है। उन्होंने कहा,

ऐसे कई कार्डधारक हैं जिनसे फिंगर लगवा लिया गया, लेकिन राशन नहीं दिया गया। कुछ लोगों का तो फिंगर जानबूझकर नहीं लगवाया जाता, फिर उनसे कहा जाता है कि ‘फिंगर नहीं लगा, इसलिए राशन नहीं मिलेगा।’ यह सीधा धोखाधड़ी है।”

 जिम्मेदार अधिकारी लापता, खाद्य विभाग पर उठे सवाल

ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने इस पूरे मामले की जानकारी कई बार खाद्य आपूर्ति अधिकारी और जनपद अधिकारियों को दी, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

ग्रामीणों का कहना है कि जिम्मेदार अधिकारी मौन साधे बैठे हैं, जबकि गांव में भ्रष्टाचार खुलेआम चल रहा है।

ग्रामीणों का आरोप है कि खाद्य विभाग के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से ही यह गड़बड़ी संभव हो रही है।

अगर अधिकारी ईमानदारी से निरीक्षण करें तो करोड़ों रुपए का घोटाला सामने आ सकता है।” – ग्रामीणों का कहना।

 ग्रामीणों का अल्टीमेटम — कार्रवाई नहीं हुई तो सड़क पर उतरेंगे 

ग्रामीणों ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने 7 दिनों के भीतर कार्रवाई नहीं की, तो वे जनपद मुख्यालय और जिला कलेक्ट्रेट के बाहर धरना-प्रदर्शन करेंगे।

ग्रामीणों का कहना है कि यह मामला केवल राशन का नहीं, बल्कि गरीबों के हक पर डाका डालने का है।

 जनपद सदस्य ने SDM को सौंपा आवेदन


ग्राम के जनपद सदस्य ने भी इस मामले की गंभीरता को देखते हुए अनुविभागीय अधिकारी (SDM) को लिखित आवेदन सौंपा है और दोषी सेल्समैन पर कार्रवाई की मांग की है। आवेदन में कहा गया है कि गरीब हितग्राहियों के साथ धोखाधड़ी का यह मामला जनहित से जुड़ा है, इसलिए तत्काल जांच आवश्यक है।

 *प्रशासन की चुप्पी पर उठे सवाल* 

अब देखना यह होगा कि क्या जिला प्रशासन इस मामले को गंभीरता से लेकर कार्रवाई करता है या फिर एक बार फिर से गरीबों की आवाज़ अफसरों की फाइलों में दबकर रह जाएगी।

गांव के लोग अब केवल जांच नहीं, न्याय और जवाबदेही की मांग कर रहे हैं।

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