शुद्ध मतदाता सूची द्वारा लोकतंत्र के सशक्तिकरण हेतु भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी किया गया विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम
मुद्रण एवं प्रशिक्षण 28 अक्टूबर से 03 नवम्बर तक
घर-घर गणना चरण 4 नवंबर से 4 दिसंबर 2025 तक
प्रारूप मतदाता सूची का प्रकाशन 9 दिसंबर 2025
दावे और आपत्तियां दाखिल करने की अवधि 9 दिसंबर 2025 से 8 जनवरी 2026 तक
नोटिस की सुनवाई एवं प्रमाणीकरण 9 दिसंबर 2025 से 31 जनवरी 2026 तक
अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन 7 फरवरी 2026
कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों को दी गई मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम की जानकारी
कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. केदार सिंह ने राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों को बताया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा देश के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ‘स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन’ यानी विशेष गहन पुनरीक्षण के दूसरे चरण की घोषणा कर दी गई है। इसमें मध्य प्रदेश भी शामिल है, जहां इस बार 65 हजार 14 बूथों पर मतदाता सूची का पुनरीक्षण होगा। राज्य में 1 लाख 19 हजार 40 बीएलओ घर-घर जाकर मतदाताओं से फॉर्म भरवाएंगे और विवरण की जांच करेंगे। यह प्रक्रिया 4 नवंबर से शुरू होकर 4 दिसंबर 2025 तक चलेगी। आयोग की घोषणा के साथ ही आज रात 12 बजे से मौजूदा वोटर लिस्ट फ्रीज हो गया है। अब इसमें नए नाम नहीं जोड़े जा सकेंगे, जब तक विशेष गहन पुनरीक्षण की प्रक्रिया पूरी नहीं होती।
बैठक में उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीमती अमृता गर्ग, राजनैतिक दलों के प्रतिनिधि, भारतीय जनता पार्टी से रवीन्द्र वर्मा, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी से विष्णुप्रताप सिंह, आप पार्टी से अरफाना बेगम, मास्टर ट्रेनर अनिल श्रीवास्तव, निर्वाचन सुपरवाइजर संजय खरे, पत्रकार शुभम सिंह, जीके पाण्डेय सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार जिले में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण का कार्य शुरू कर दिया गया है। आयोग द्वारा तय समय-सीमा में सभी कार्यवाही पूर्ण की जानी है। प्रक्रिया के दौरान हर बूथ की वोटर लिस्ट का गहन सत्यापन किया जाएगा। बीएलओ तीन बार घर-घर पहुंचकर मतदाताओं की जानकारी जांचेंगे। माना जा रहा है कि इस प्रक्रिया में बड़ी संख्या में संदिग्ध या दोहरे नाम हटाए जा सकते हैं। आयोग का लक्ष्य है कि आगामी चुनावों से पहले मतदाता सूची पूरी तरह शुद्ध और पारदर्शी बनाई जा सके। जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि इस प्रक्रिया में बीएलओ की महत्वपूर्ण भूमिका है। विधानसभावार निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी, ईआरओ जो एसडीएम होता है का दायित्व होगा की प्रारूप मतदाता सूची तैयार कराकर प्राप्त दावे एवं आपत्तियों पर निर्णय लेना तथा अंतिम मतदाता सूची का निर्माण एवं प्रेकाशन करना, प्रत्येक तहसील के लिए संबंधित तहसीलदार को सहायक निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी नियुक्त किया गया है। जिला दण्डाधिकारी ईआरओ के निर्णय के विरूद्ध की गई प्रथम अपील सुनते हैं तथा राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी जिला दण्डाधिकारी के निर्णय के विरूद्ध की गई द्वितीय अपील सुनते हैं।
बीएलओ 27 अक्टूबर 2025 की स्थिति में प्रत्येक मतदाता के लिए विशिष्ट गणना प्रपत्र तैयार करेंगे। जिसमें वर्तमान मतदाता सूची से संबंधित आवश्यक जानकारी होगी। बीएलओ द्वारा प्रत्येक मौजूदा मतदाता को गणना प्रपत्र वितरित किया जाएगा। जो मतदाता को अपना नाम या अपने परिजन का नाम गत विशेष गहन समीक्षा जो वर्ष 2022-24 में आयोजित हुआ था से मिलान या लिंक करने में मदद करेंगे। मतदाता या बीएलओ मिलान या लिंकिंग के लिए एसआईआर के राष्ट्रीय डेटाबेस https://voters.eci.gov.in/ की सहायता ले सकते हैं।
विशेष गहन पुनरीक्षण के दौरान बीएलओ नए मतदाताओं के नाम जोड़ने के लिए फार्म 6 एकत्र करेंगे तथा मिलान एवं लिंकिंग में सहायता करेंगे। मतदाता को गणना प्रपत्र भरने एवं एकत्र करने में सहायता करेंगे तथा ईआरओ एवं एइआरओ को जमा करेंगे। प्रत्येक मतदाता के घर पर कम से कम 3 बार जाएंगे। मतदाता विशेषकर शहरी या अस्थायी रूप से स्थानांतरित व्यक्ति का गणना पत्रक ऑनलाइन भी भर सकते हैं। ऐसे मतदाताओं की पहचान करेंगे जो मृत हैं, स्थायी रूप से स्थानांतरित हो गए हैं या एक से अधिक स्थानों पर पंजीकृत हैं। गणना चरण के दौरान गणना पत्रक के साथ किसी अन्य दस्तावेज की आवश्यकता नहीं होगी। वृद्ध बीमार, दिव्यांग, गरीब तथा अन्य संवेदनशील वर्गों को किसी भी प्रकार की परेशानी या उत्पीड़न न हो और उन्हें यथा संभव सभी आवश्यक सुविधाएं दी जा सकें। इसके लिए वालेंटियर नियुक्त किए जाएंगे। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के लिए 12 सांकेतिक दस्तावेजों को मान्यता दी गई है। जिसमें किसी केंद्रीय / राज्य सरकार / सार्वजनिक उपक्रम द्वारा नियमित कर्मचारी / पेंशनर को जारी पहचान पत्र / पेंशन भुगतान आदेश, भारत में किसी सरकारी / स्थानीय निकाय / बैंक / डाकघर / एलआईसी / सार्वजनिक उपक्रम द्वारा 01.07.1987 से पूर्व जारी कोई पहचान पत्र / प्रमाण-पत्र / दस्तावेज़, सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी जन्म प्रमाण-पत्र, पासपोर्ट, किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड / विश्वविद्यालय द्वारा जारी मैट्रिक/शैक्षणिक प्रमाण-पत्र, सक्षम राज्य प्राधिकारी द्वारा जारी स्थायी निवास प्रमाण-पत्र, वन अधिकार प्रमाण-पत्र, सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी ओबीसी / एससी / एसटी या अन्य जाति प्रमाण-पत्र, राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (जहाँ उपलब्ध हो), राज्य / स्थानीय निकाय द्वारा तैयार पारिवारिक रजिस्टर, सरकार द्वारा जारी भूमि / मकान आवंटन प्रमाण-पत्र, आधार के लिए, आयोग के पत्र संख्या 23@2025-ERS/Vol.II दिनांक 09.09.2025 द्वारा जारी निर्देश लागू हों शामिल हैं।

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