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स्वदेशी वस्तुओं को मिल रहा बढ़ावा, स्थानीय शिल्पकारों के चेहरों में आई मुस्कान

स्वदेशी वस्तुओं को मिल रहा बढ़ावा, स्थानीय शिल्पकारों के चेहरों में आई मुस्कान



 दीपों का पावन पर्व धनतेरस एवं दीपावली के अवसर पर शहडोल जिले में नागरिकों द्वारा स्वदेशी निर्मित वस्तुओं की खरीदारी में निरंतर वृद्धि देखी जा रही है। लोग स्थानीय उत्पादों को अपनाकर न केवल बचत और आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने में भी अपना योगदान दे रहे हैं।


  स्वदेशी वस्तुएँ खरीदने से स्थानीय कारीगरों और शिल्पकारों का मनोबल बढ़ रहा है। मिट्टी से बने दीये, कलश, मूर्तियाँ और अन्य पारंपरिक वस्तुएँ बाजारों में आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं।

 ग्राम भटिया निवासी श्रीमती शशि प्रजापति का कहना हैं कि “मैं लगभग 10 से 12 वर्षों से शहडोल सब्जी मंडी में दीपावली के अवसर पर मिट्टी से बने दीये और कलश बेचती हूँ। पहले इतनी बिक्री नहीं होती थी, लेकिन अब लोग स्वदेशी उत्पादों के प्रति जागरूक हो रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा ‘लोकल फॉर वोकल’ को प्रोत्साहन मिलने से हम जैसे कारीगरों का मनोबल बढ़ा है।”


  ग्राम गोरतरा निवासी श्रीमती संगीता प्रजापति ने बताया मैं पिछले 15 से 16 वर्षों से मिट्टी से बनी वस्तुओं की दुकान लगाती हूँ। पहले बिक्री कम होती थी, अब लोग मिट्टी के दीये और कलश की खरीददारी अधिक कर रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को साकार करने हेतु पूरे प्रदेश में हर घर स्वदेशी- घर-घर स्वदेशी का आव्हान किया है। जिसका असर देखने को मिल रहा है। दीपावली पर्व पर लोग मिट्टी से बने लक्ष्मी गणेश की मूर्ति, दीया, कलश एवं अन्य पूजा की सामग्रियां खरीद रहे है। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष अधिक व्यवसाय मिल रहा है। 


शहडोल निवासी श्रीमती सीता प्रजापति ने कहा मैं प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को धन्यवाद देती हूँ कि उन्होंने ‘लोकल फॉर वोकल’ को निरंतर बढ़ावा दिया जा रहा है। यह अभियान देश की प्रगति में अहम भूमिका निभा रहा है और हमें आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा देता है।

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