अमझोर के अवैध पेट्रोल पंप निर्माणाधीन पर शासन लगाई रोक..पूर्व पटवारी ने भाई भतीजा वाद के आधार पर शासन की बेशकीमती भूमि पर की बड़ी हेरा फेरी
शहडोल जिले के अमझोर... शासकीय जमीन पर हेरा फेरी कोई नई बात नहीं है परंतु शासन जिसे चाहे चोर बना दे , चाहे राजा बना दे। ऐसा ही एक मामला ग्राम अमझोर का है जहां शासन का खसरा no 179 रकवा 5.64 एकड़ जो वर्ष 1992 *93 तक mp state के नाम दर्ज राजस्व अभिलेख थी। आज वेशकीमती जमीन पर पेट्रोल पंप का अवैध साम्राज्य खड़ा किया जा रहा है। आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में जहां अनुसूची 6 लागू हैं। बिना ग्राम पंचायत के अनुमोदन के किसी भी शासकीय या गैर शासकीय कार्य को चालू नहीं किया सकता ।
pesa एक्ट के तहत शासन के झूठे जुमले यहां भी तैयार है जो यह सिर्फ कागज़ी कार्यवाही तक ही सीमित है , मैदानी हकीकत में वास्तविकता में कुछ और ही है ग्राम पंचायत अमझोर के पूर्व उपसरपंच चंद्रमा प्रसाद तिवारी द्वारा शासन की भूमि जो बंटन व्यवस्थापन से प्राप्त हुई थी , बिना सरपंच के अनुमति या यू कहे अनापत्ति प्रमाण पत्र के ही शासन के उच्च अधिकारियों से साठ गांठ फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कूट रचित दस्तावेज तैयार कर अनापत्ति प्रमाण पत्र ग्राम पंचायत से तैयार कराए गए जिसके आधार पर पेट्रोल पंप निर्माण के लिए हरे भरे पेड़ों को भी नहीं छोड़ा गया , बेरहमी से लिपटिक्स के पेड़ो को काट दिया गया और बिना किसी सरपंच की अनुमति के अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करा दी गई।
गांव में किसी गरीब व्यक्ति को शासन प्रशासन के द्वारा दो डिसमिल जमीन आवंटित नहीं की गई परंतु ग्राम पंचायत के पूर्व उपसरपंच महोदय जो 15 से 20 एकड़ के पहले भी मालिक थे उन्हें किन आधारों पर बंटन व्यवस्थापन की भूमि आवंटित कराई गई इसका कोई जवाब किसी नहीं है पूर्व पटवारी द्वारा गलत नक्शा तरमीम व सीमांकन की कार्रवाई की गई रा. प्र.क्रमांक 0062/अ 3/ 2021-22, सीमांकन 0064/अ 12/ 2022-23 को स्वीकृत किया जाता है पटवारी द्वारा शासकीय जमीन में हेरा फेरी का कोई नया मामला नहीं है इसके पूर्वी आदिवासियों की भूमि के नाम के लिए ग्राम अमझोर का नक्शा गलत है कहकर कई महत्वपूर्ण प्रकरण को अधर में लटका दिया है।
इसी भूमि से लगी भूमि पर उनकी बुआ स्वर्गीय सुशीला देवी ने 13 *14 भोले भाले लोगों को शासकीय भूमि पर अपना कब्जा बताकर लोगों को बिक्री किया गया भोले वाले लोग जो यहां भूमिहीन की भूमिका में थे किराए के घरों मे रहकर परिवार बड़ी मुश्किल से चल पा रहे थे , अपनी जिंदगी भर की कमाई अवैध भूमि पर लगा दी।
अवैध कालोनाइजर एक्ट पर कार्रवाई " रमा vs शीला तिवारी " एसडीएम जयसिंहनगर के न्यायालय में प्रचलनशील है यदि शासकीय तंत्र अपना कार्य ईमानदारी से करता तो शायद शासन की वेशकीमती जमीन को समय रहते बचाया जा सकता था परंतु किसी ने अपनी जिम्मेदारी सही तरीके से नहीं निभाई अपर कलेक्टर महोदय शहडोल निगरानी पर विचार करते हुए अवैध पेट्रोल पंप पर के निर्माण कार्य पर स्थगन आदेश 27.10.2025 को जारी किया है , अब देखना यह है कि शासन ऐसे लोगों पर कब तक लगाम लगा पाता है?



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