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रामपुर बटुरा खुली खदान परियोजना प्रभावित किसानों ने प्रबंधन के ऊपर बैठक में हुऐ नाराज बंद किया संपूर्ण खदान ,भूपेश शर्मा

रामपुर बटुरा खुली खदान परियोजना प्रभावित किसानों ने प्रबंधन के ऊपर बैठक में हुऐ नाराज बंद किया संपूर्ण खदान ,भूपेश शर्मा

प्राप्त जानकाकारी अनुसार पूर्व में चर्चा के बाद समीक्षा बैठक हेतु 12 नवंबर को रामपुर बटुरा खुली खदान परियोजना प्रभावित किसानों के साथ महाप्रबंधक महोदय एसईसीएल सोहागपुर एरिया सहित रामपुर बटुरा की पूरी टीम रही मौजूद ग्रामीणों के तरफ से सामाजिक कार्यकर्ता भूपेश शर्मा द्वारा ग्रामीणों जनप्रतिनिधियों के प्रस्ताव अनुसार बिंदवार किसानों के मूलभूत समस्याओं पुनर्वास पुनर्स्थापना, संपूर्ण परिसंपत्ति के मुआवजा, आश्रितों को रोजगार, नोटिफिकेशन से छूट गए जमीनों को अधिग्रहण की कार्रवाई , को खुली खदान परियोजना प्रभावित हैं इसलिए खुले खदान परियोजना में ही रखा जाए, गलती से अपने परिवार की के लिए वहां से वापस सोहागपुर आ गए पुणे पुणे स्थानांतरित कर कुसमुंडा भेज दे जाने और सुहागपुर एरिया में आशिकों को कमरा उपलब्ध कराना कार्मिक विभाग से संबंधित रोजगार से लेकर साक्षात्कार शस्त्र प्रशिक्षण किसने की जमीन का स्थानांतरण सीसीएल द्वारा कराया जाए ऐसे कई विषय पर चर्चा की गई लंबी रोजगार के फाइलों के संदर्भ में जैसे बात प्रारंभ हुई तीन चार वर्ष पूर्व से चल रहे हैं फाइलों को फिर से 3 महीने का समय मांगा गया उसे किसानों ने बैठक को बहिष्कार करते हुए मुर्दाबाद के नारे एवं प्रबंधन होश में आओ किसान एकता जिंदाबाद करते हुए संपूर्ण खदान को बंद कर दिया 2 घंटे तक प्रबंधन की पूरी टीम की उपस्थिति में ही खदान बन रहा बाद में जैसे किस सहज होते हैं वैसे ही महाप्रबंधक महोदय सोहागपुर बी के जोना साहब ने किसानों को अस्वस्थ कराया कि अब ज्यादा समय नहीं लगेगा आज ही अभी मुख्यालय के जो जिम्मेदारी हैं उनसे दूर संचार के माध्यम से आदिवासी हो गई है रुक रोजगारों की फाइलों को 15 से 20 दिन के अंदर रोजगार कंप्लीट कर कर आप लोगों को उपलब्ध कराया जाएगा एवं पुनर्वास एवं पुण्य स्थापना की कार्यवाही जल्द ही पूर्ण की जाएगी किसानों का कहना है टुकड़े-टुकड़े में हम पुनर्स्थापना पुनर्वास नहीं लेंगे संपूर्ण रामपुर बेलिया को एक साथ उपलब्ध कराया जाए यह सब जो चर्चा हुई है उसकी मिनट से भी 24 घंटे के अंदर उपलब्ध कराया जाए जो भी किसानों के द्वारा प्रस्ताव आया है उसे समय सीमा में नहीं किया जाएगा तो आने वाले 15 दिवस के अंदर किसानों के द्वारा किट में दी गई है कि अब हम कहीं नहीं जाएंगे संपूर्ण खदान को बंद कर यही बैठेंगे जिसको बात करना होगा वह हम किसने पास आकर बात करेगा सामाजिक कार्यकर्ता भूपेश शर्मा ने जनप्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों की तरफ से खुली चेतावनी प्रबंधन को दिया की ग्रहण अधिग्रहण की करवाई आपने किया है हम कहीं किसी के पास नहीं जाएंगे संपूर्ण कार्यवाही एसईसीएल प्रबंध करें और हमको रोजगार पुनर्वास पुनर्स्थापना दे और खदान को चालू रखें बंद करें आने वाले समय में किसने की मांग समय सीमा के अंदर पूर्ण नहीं किया जाता हैतो संपूर्ण खदान को किसानों ने फिर बंद करेंगे जिसकी जिम्मेदारी प्रबंधन की होगी

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